क्रिप्टो करेंसी यानि बिटकॉइन पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक की तैयारी सरकार फिलहाल कर रही है। टेस्ला जैसी कंपनियां क्रिप्टो करेंसी में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। इससे क्रिप्टो करेंसी में 10% तक उछाल आया है। वर्चुअल करेंसी यानी बिटकॉइन करेंसी रखने और बेचने को भारत में अपराध माना जाएगा और संबंधित लोगों को 10 साल की सजा होगी। यह क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिबंध और डिजिटल मुद्रा विधेयक 2019 के विनियमन में है।
Advertisement
बिटकॉइन को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है। भारत में बिटकॉइन लोकप्रिय नहीं है। इसलिए भारतीयों को बिटकॉइन के बारे में ज्यादा जानकारी फिलहाल में नहीं है। लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देशों में बिटकॉइन का उपयोग काफी मात्रा में किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिससे निजी तौर पर डिजिटल माध्यम से लेनदेन किया जाता है।
बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा है जो रुपया और डॉलर जैसा ही एक मुद्रा है। जैसे बैंक में नोट प्राप्त कर सकते हैं वैसे ही यह कंप्यूटर कोटद्वारा इंक्रिप्टेड यानी लॉक रहता है। बिटकॉइन ऑनलाइन ही खरीद सकते हैं। इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है। क्रिप्टोग्राफिक की मदद से यह संग्रहित करने का एक सुरक्षित तरीका है। फिलहाल बिटकॉइन दुनिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी मुद्रा है। बिटकॉइन के रेट संबंधित आए दिन उछाल आने की खबरें इंटरनेट पर वायरल हो रही है।
फिलहाल बिटकॉइन हाल के दिनों में फलफूल रहा है । क्रिप्टो करेंसी केवल कंप्यूटर प्रणाली का उपयोग करके इसका लेनदेन किया जा सकता है। हाल के दिनों में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य उज्जवल है इसमें कोई संदेह नहीं है। कई देश और बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां अपनी आभासी मुद्रा जारी करने की योजना बना रही है।
भारतीय बाजार में क्रिप्टो करेंसी को अनुमति नहीं होगी यह स्पष्ट हो गया है। सरकार बजट सत्र में एक विधेयक पेश करेगी जिसमें जो भी व्यक्ति या कंपनी क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेनदेन करने पर दंडित किया जाएगा।
क्रिप्टो करेंसी का मूल्य तेजी से उतार-चढ़ाव करता है। इस क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से किए गए लेनदेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है। भारतीय सरकार ने इस तरह की क्रिप्टो करेंसी के विरोध में है। भारत सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में घरेलू क्रिप्टोकरंसी विकसित करने पर विचार कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक और मंत्रालय समिति का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की वित्तीय प्रणाली को आने वाले समय में नुकसान पहुंचाएगी।
भारतीय बैंक और वित्तीय संस्थान ने स्पष्ट किया है कि भारतीय नागरिकों को क्रिप्टो करेंसी में लेन-देन नहीं करना चाहिए। 70 लाख लोगों के पास $1 बिलियन मूल्य की क्रिप्टो करेंसी है। पिछले साल यह संख्या 700% बढ़ चुकी है। साल 2019 में क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने और ऐसा करने वालों के लिए 10 साल की सजा की सिफारिश की गई है।
साल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी में व्यापार नहीं करने का निर्देश दिया था। हालांकि मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के इस फैसले को पलट दिया है। दुनिया भर में विभिन्न देशों की सरकारी सोच रही है कि क्रिप्टो करेंसी को कैसे प्रतिबंधित किया जाए। हालांकि किसी भी देश ने क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया है। फिलहाल क्रिप्टोकरंसी की कीमतें आसमान छू रही है। इस साल क्रिप्टो करेंसी में करीब 50% तक उछाल आया है।