नई दिल्ली: गुरुवार को छत्तीसगढ़ में सुकमा-बीजापुर सीमा के पास जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुष्टि की।
ऑपरेशन में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जंगल युद्ध इकाई (कोबरा) सहित संयुक्त बल शामिल थे। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा कि रिपोर्ट के समय मुठभेड़ अभी भी जारी थी।
यह घटनाक्रम क्षेत्र में नक्सली गतिविधि बढ़ने के बाद हुआ है। इससे पहले आज, सुरक्षा बलों ने बीजापुर जिले के आवापल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत मुरदंडा गांव में लगाए गए दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को निष्क्रिय कर दिया।
पुलिस ने कहा, “सुरक्षा बलों को चकमा देने के लिए बीयर की खाली बोतलों का इस्तेमाल कर बनाए गए आईईडी को नक्सलियों ने तैयार किया और लगाया था।” एएनआई के मुताबिक, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की 229 बटालियन ने संयुक्त अभियान चलाया।
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में आठ जिला रिजर्व गार्ड और एक नागरिक चालक की जान जाने के कुछ दिनों बाद सुरक्षा के कड़े कदम उठाए गए हैं।
जब यह विस्फोट हुआ तब जवान दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर पुलिस के संयुक्त अभियान से लौट रहे थे।
सुरक्षा बलों ने मंगलवार को सुकमा जिले में उग्रवादियों द्वारा लगाए गए 10 किलोग्राम के आईईडी को भी निष्क्रिय कर दिया।